दोस्तों स्वागत है आपका इस नई पोस्ट में, इस पोस्ट में मैं आपके साथ एक ऐसी कहानी शेर करने जा रहा हूं जिसे सुनकर आप कभी जिंदगी में हार नहीं मानोगे!तो दोस्तों इस पोस्ट को अंतिम तक जरूर पढ़िएगा!
तो चलिए कहानी की शुरुआत करते हैं, कहानी थोड़ी पुरानी है मगर आप इस कहानी को पढ़कर बोर नहीं होंगे!
दोस्तों पुराने जमाने की बात है वरदराज नामक बच्चा था
उसे पढ़ाई लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी! उसे उसके माता-पिता ने पढ़ाई के लिए गुरुकुल में छोड़ा था!
वरदराज को गुरु जो भी पढ़ाते थे उसे कुछ भी समझ नहीं आता था! एक दिन गुरुजी ने उसे कहा"बेटा वरदराज पढ़ाई-लिखाई ये शायद तुम्हारे भाग्य में नहीं है , इसलिए बेटा तुम घर जाओ और अपने माता-पिता की काम में मदद करो! वरदराज ने गुरु की आज्ञा मानकर घर की ओर प्रस्थान किया!
चलते-चलते वह एक कुएं के पास पहुंचा गुरु ने उसे खाने को कुछ दिया था उसने वह खाने की पोटली निकाली और पानी लाने के लिए उस कुएं के पास पहुंचा तो उसे वहां कुछ आश्चर्यजनक दिखा!
उसने देखा की कुएं के पत्थर पर रस्सी के निशान थे,उसके मन में एक विचार आया की एक मामुली सी रस्सी पत्थर पर अपने निशान बना सकती है तो मैं क्युं अपनी जिंदगी कुछ नहीं कर सकता!
उसने घर जाने की बजाय गुरु के पास जाना ठीक समझा और वो चला गया! इस बार उसने अपनी मेहनत से वो मुकाम हासिल किया जो एक साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता था!
उसने अपने आप को साधारण नहीं समझा इस लिए वो कर पाया!
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आप को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते!
हम सब कुछ कर सकते हैं बस हमें खुद पर विश्वास होना चाहिए!
दोस्तों यदि कहानी आपको अच्छी लगी हो तो आपके बहुमूल्य विचार comment कर जरूर बताएं तो मिलते हैं अगली पोस्ट में "जय हिन्द जय भारत"!
तो चलिए कहानी की शुरुआत करते हैं, कहानी थोड़ी पुरानी है मगर आप इस कहानी को पढ़कर बोर नहीं होंगे!
दोस्तों पुराने जमाने की बात है वरदराज नामक बच्चा था
उसे पढ़ाई लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी! उसे उसके माता-पिता ने पढ़ाई के लिए गुरुकुल में छोड़ा था!
वरदराज को गुरु जो भी पढ़ाते थे उसे कुछ भी समझ नहीं आता था! एक दिन गुरुजी ने उसे कहा"बेटा वरदराज पढ़ाई-लिखाई ये शायद तुम्हारे भाग्य में नहीं है , इसलिए बेटा तुम घर जाओ और अपने माता-पिता की काम में मदद करो! वरदराज ने गुरु की आज्ञा मानकर घर की ओर प्रस्थान किया!
चलते-चलते वह एक कुएं के पास पहुंचा गुरु ने उसे खाने को कुछ दिया था उसने वह खाने की पोटली निकाली और पानी लाने के लिए उस कुएं के पास पहुंचा तो उसे वहां कुछ आश्चर्यजनक दिखा!
उसने देखा की कुएं के पत्थर पर रस्सी के निशान थे,उसके मन में एक विचार आया की एक मामुली सी रस्सी पत्थर पर अपने निशान बना सकती है तो मैं क्युं अपनी जिंदगी कुछ नहीं कर सकता!
उसने घर जाने की बजाय गुरु के पास जाना ठीक समझा और वो चला गया! इस बार उसने अपनी मेहनत से वो मुकाम हासिल किया जो एक साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता था!
उसने अपने आप को साधारण नहीं समझा इस लिए वो कर पाया!
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आप को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए, क्योंकि इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते!
हम सब कुछ कर सकते हैं बस हमें खुद पर विश्वास होना चाहिए!
दोस्तों यदि कहानी आपको अच्छी लगी हो तो आपके बहुमूल्य विचार comment कर जरूर बताएं तो मिलते हैं अगली पोस्ट में "जय हिन्द जय भारत"!
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